बुधवार, 5 जुलाई 2017

प्राणायाम or meditation ( सहज समाधि ध्यान)

                    प्राणायाम क्या है










प्राण वह शक्ति है जो हमारे शरीर को ज़िंदा रखती है और हमारे मन को शक्ति देती है। तो 'प्राण' से हमारी जीवन शक्ति का उल्लेख होता है और 'आयाम' से नियमित करना। इसलिए प्राणायाम का अर्थ हुआ खुद की जीवन शक्ति को नियमित करना।

प्राण का विवरण 

प्राण शरीर की हज़ार सूक्ष्म ऊर्जा ग्रंथियों ( जिन्हें नाड़ि कहते है ) और ऊर्जा के केंद्रों (जिन्हें चक्र कहते है ) से गुज़रती है और शरीर के चारो ओर आभामंडल बनाती है। प्राणशक्ति की मात्रा और गुणवत्ता मनुश्या की मनोस्थिति निर्धारित करते है। अगर प्राणशक्ति बलवान है और उसका प्रवाह निरंतर और सुस्थिर है तो मन सुखी, शांत और उत्साहपूर्ण रहता है। पर ज्ञान के आभाव में और सांस पर ध्यान न रखने की वजह से मनुष्य की नाड़िया, प्राण के प्रवाह में रूकावट पैदा कर सकती है। ऐसी स्थिति मन में आशंका, चिंताएं, और डर उत्पन्न करती है। हर तकलीफ पहले सूक्ष्म में उत्पन्न होती है। इसलिए कोई बिमारी पहले प्राणशक्ति में उत्पन्न होती है ।

प्राणायाम के फायदे | 

प्राण शक्ति की मात्रा और गुणवत्ता बढ़ाता है

  • रुकी हुई नाड़िया और चक्रों को खोल देता है। आपका आभामंडल फैलता है।
  • मानव को शक्तिशाली और उत्साहपूर्ण बनाता है ।
  • मन में स्पष्टता और शरीर में अच्छी सेहत आती है ।
  • शरीर, मन, और आत्मा में तालमेल बनता है

प्राणायाम के प्रकार और उपयोग | 

प्राचीन भारत के ऋषि मुनियों ने कुछ ऐसी सांस लेने की प्रक्रियाएं ढूंढी जो शरीर और मन को तनाव से मुक्त करती है । इन प्रक्रियाओं को दिन में किसी भी वक़्त खली पेट कर सकते है । देखते है कौन सी प्रक्रिया किस परिस्थिति में उपयोगी है :
  • अगर आपका मन किसी बात को लेके विचलित हो या आपका किसी की बात से अपना मन हठा ही नहीं पा रहे हो तोह आपको भ्रामरी प्राणायाम करना चाहिए । यह प्रक्रिया उक्त रक्तचाप से पीड़ित लोगो के लिए बहुत फायेदमंद है ।
  • नाड़ियों की रुकावटों को खोलने हेतु कपालभाति प्राणायाम  उपयुक्त है । यह प्रक्रिया शरीर के विषहरण के लिए भी उपयुक्त है ।
  • अगर आप कम ऊर्जावान महसूस कर रहे है तो भस्त्रिका प्राणायाम के तीन दौर करे - आप खुद को तुरंत शक्ति से भरपूर पाएंगे ।
  • अगर आप अपने कार्य पे ध्यान केंद्रित नहीं कर पा रहे तो नदी शोधन प्राणायाम के नौ दौर करे और उसके पश्चात दस मिनट ध्यान करे । नाड़ी शोधन प्राणायाम दिमाग के दायिने और बाएं हिस्से में सामंजस्य बैठती है मन को केंद्रित करती है ।
ध्यान दे - प्राणायाम हमारी सुक्ष्म जीवन शक्ति से तालुक रखती है । इसलिए इनको वैसे ही करना चाहिए जैसे आपकी योग कक्षा में सिखाया गया हो । इनके साथ प्रयोग करना उचित नहीं है ।

सहज समाधि ध्यान  Sahaj Samadhi Meditation in Hindi 





वास्तविक विश्राम पाने का सरल मार्ग

हम सभी ने अपने जीवन में ध्यान की अवस्था को महसूस किया है – जिन क्षणों में हम बेहद खुश हुए हैं, या फिर जिन क्षणों में हम किसी काम में तल्लीनता से डूबे हुए हैं – ऐसे क्षणों में हमारा मन हल्का और आरामदेह प्रतीत होता है| हालांकि हम सबने ऐसे क्षणों को अनुभव किया है, लेकिन हम उन्हें अपनी मर्ज़ी से दोबारा अनुभव नहीं कर पाते हैं| सहज समाधि कार्यकम् आपको यही करना सिखाता है| यह ध्यान करने की एक अनूठी प्रक्रिया है, जिसके अभ्यास से आप तुरंत ही तनाव और परेशानियों से ऊपर उठकर, मन में असीम शांति अनुभव करते हैं और शरीर में स्फूर्ति आती है|
‘सहज’ एक संस्कृत शब्द है, जिसका अर्थ है ‘प्राकृतिक’ या ‘ जो बिना किसी प्रयास के किया जाए’| ‘समाधि’ – एक गहरी, आनंदमयी और ध्यानस्थ अवस्था है| अतः ‘सहज समाधि’ वह सरल प्रक्रिया है जिसके माध्यम से हम आसानी से ध्यान कर सकते हैं|
  • ध्यान करने से सक्रिय मन शांत होता है, और स्वयं में स्थिरता आती है|
  • जब मन स्थिर होता है, तब उसके सभी तनाव छूट जाते हैं, जिससे हम स्वस्थ और केन्द्रित महसूस करते हैं|
  • सहज समाधि ध्यान कैसे करते हैं? 



  • यह मन्त्र-ध्यान है जिसमें कार्यकम् प्रतिभागियों को एक सरल ध्वनि/मंत्र सिखाई जाती है, जिसका मन में स्मरण करने पर मन स्थिर होने लगता है और भीतर जाने लगता है |जब मन और तांत्रिक तंत्र गहरे विश्राम में स्थिर होते हैं हमारे मन और विकास के मार्ग के अवरोध स्वतः खुलने लगते हैं |

सहज समाधि ध्यान के 5 लाभ 


जब एक नदी शांत होती है, तब उसमें प्रतिबिम्ब अधिक साफ़ दिखाई देता है| उसी प्रकार, जब मन शांत होता है, तभी हम अधिक स्पष्टता से अपनी बात को व्यक्त कर पाते हैं| तब किसी भी बात को देखने, समझने और व्यक्त करने की कला निखरती है| फलस्वरूप, हम अपने जीवन में अधिक स्पष्टता से संवाद कर पाते हैं|
तो कुछ मुख्य लाभ इसप्रकार के है -
  • स्पष्ट विचार
  • बढ़ी हुई ऊर्जा
  • अच्छा शारीरिक स्वास्थ्य
  • संबंधों में सुधार
  • मन में गहरी शांति

सहज समाधि ध्यान के लिए, मुझे मन्त्र की क्या आवश्यकता है ? 

संस्कृत में एक मन्त्र की परिभाषा है – ‘मनना त्रायते इति मंत्र’ | इति मन्त्र हमें पुनरावृत्ति से बचाता है| बार-बार यदि कोई विचार आये, तो वही चिंता बन जाता है| मन्त्र हमें चिंताओं से मुक्त कर देते हैं|
मन्त्र का उच्चारण मन को स्थिर करता है ।और जब मन स्थिर होता है ये स्वयं को तनावों से दूर कर वर्तमान क्षण में स्थित कर देता है । हम सिर्फ वर्तमान क्षण में सच्ची प्रसन्नता पा सकते हैं । जिन क्षणों में हम बीते हुए कल की किसी गलती के लिए शर्मिंदा नहीं है और न ही आने वाले कल की कोई चिंता होती है ।
सहज का अर्थ नैसर्गिक और समाधि का अर्थ आत्मज्ञान हमारा सच्चा स्वभाव इस मन्त्र ध्यान से सहज ही सुलभ है।
"समाधि जो ध्यान की गहरी अवस्था है उससे आपको ऊर्जा और दीर्घ काल तक रहने वाला आनंद प्राप्त होता है । यह आपको इतनी ऊचाइयों में ले जाता है कि आप की उपस्थिति मात्र प्रेम फ़ैलाने लगती है।"- गुरुदेव श्री श्री रवि शंकरजी

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